गुरुवार, 15 अक्टूबर 2009

आई लव इंदौर

हमें इंदौर से है प्यार !

इंदौर देश तो क्या, दुनिया का अनूठा शहर है। यहाँ की हर बात निराली है। यहाँ का भूगोल, यहाँ का इतिहास, यहाँ की मस्ती, यहाँ की हस्ती, यहाँ की फिजाये, यहाँ की वादियाँ, यहाँ की सड़कें, यहाँ की बिल्डिंग्स, यहाँ का ट्रेफिक,यहाँ का कारोबार, यहाँ के स्कूल, यहाँ के कालेज, यहाँ का आई आई टी, यहाँ का आई आई एम, यहाँ की कोचिंग, यहाँ की बसें, यहाँ के हास्पिटल, यहाँ के डॉक्टर, यहाँ का कारोबार, यहाँ के बार, यहाँ के ब्यूटी पार्लर, यहाँ, के अखबार, यहाँ के सराफ, यहाँ के चटोरे, यहाँ के पत्रकार, यहाँ के साहूकार, यहाँ के बैंक, यहाँ के बीमा एजेंट, यहाँ के ट्रांसपोर्टर, यहाँ की मिठाई, यहाँ के हलवाई, यहाँ की कचोरी, यहाँ के पोहे, यहों की जलेबी, यहाँ का हॉट डॉग, यहाँ का पीटी, यहाँ का जीटी, यहाँ का सयाजी, यहाँ का शाहजी, यहाँ का बर्तन बाज़ार, यहाँ का कपडा बाज़ार, यहाँ का चोर बाज़ार, यहाँ की सब्जी मंडी, यहाँ का लालबाग, यहाँ का मेघदूत, पुराना सी के डी, नया रवींद्र नाट्य ग्रह नयी आर्ट गैलरी, पुरानी मिल की चिमनी, नया रिलायंस ग्राउंड, पुराना नेहरू स्टेडियम, सुबह के ताजे मोटे रंगीन अखबार, दुपहरिया को शाम के मज़ेदार अखबार, ऍफ़ एम् रेडियो, खनकती अनीता जोशी की आवाज़, रेसीडेंसी के अफसर, यशवंत क्लब के वाकर, यहाँ के वकील, यहाँ का प्रेस क्लब, यहाँ का टी आई, खजराना के गणेश जी, इस्कान के कान्हाजी, व्हाइट चर्च, लाल अस्पताल, सफ़ेद कोठी, ग्रीन सीटी, यशवंत सागर, चोखी धानी, रूफ टॉप पार्किंग, नए नए स्पा, फास्ट कारें, नन्हे विमान........................................और भी न जाने क्या क्या?

और मुट्ठी भर चांदनी, थोड़ी सी सुस्ती, मनमोहक खुशबू, ज़रा सा आलस।

यही नही है असली इंदौर।

असली इंदौर इस सबसे बढ़कर है। वही है जो इंदौर को इंदौर बनाता है। असली इंदौर।

..................और वो है यहाँ के लोग। दुनिया में और चीजें इंदौर से अच्छी शायद होगी, हों भी तो अचरज नहीं, लेकिन इंदौर के जैसे लोग दुनिया में शायद ही मिलें।

ये लोग ही हैं असली इंदौर। इंदौर की आत्मा। इंदौर के मालिक।

सलाम इंदौर। आई लव यू सो मच।

फ़क़त इन्दौरी
---प्रकाश हिन्दुस्तानी
१५.१०.२००९। (धन तेरस)

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